Tuesday, December 3, 2013

''कितना प्यारा होता है बच्चपन'' ।। माँ के प्यार के आँचल से बँधा हुआ होता है बच्चपन, पापा का उँगली पकडकर युँ चलाना प्यार भरी गोद मेँ रखना, बस सबका दुल्लारा बनाता ये बच्चपन, कितना प्यारा होता है बच्चपन। माँ के हाथो से खाना खाता ये बच्चपन,ताऊ ताई,चाचा चाची का दुलारा ये बच्चपन, मीठी लोरियो के संग कहानियाँ सुनता ये बच्चपन,बेफिकर होकर बीतता ये बच्चपन, नई उम्मीदो को जन्म देता ये बच्चपन,तोडा कुछ बनने का सपना देखता ये बच्चपन, ये प्यारा सा बच्चपन, ये दुलारा सा बच्चपन, कितना प्यारा होता है बच्चपन।।

''लोग तो युँ ही दोष देते है अपनी किस्मत को, दरअसल कमी तो हम मेँ है जो कठिन मेहनत नही करते''

''लोग तो युँ ही दोष देते है अपनी किस्मत को, दरअसल कमी तो हम मेँ है जो कठिन मेहनत नही करते''