Friday, September 6, 2013

सपनोँ से भरे नैना ना निँद है ना चैन।।पाने कि जब जो ये ललक रस्ता दिखाए,खामोशी के बीच कुछ गुनगुनाएँ।।सुख है कहाँ और चैन कहाँ है।।सपनो से भरे नैना।।

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